Sunday 29 May 2016

ना जाने चले कहाँ से थे, किधर को जा रहे हम.

ना जाने चले कहाँ से थे, किधर को जा रहे हम.
आज अपने ही हाथों अपनी हस्ती लूटा रहे हम.

जो मिली थी हमको इस भूमि से विरासत,
छोड़ उसे पराई सर पर बिठा रहे हम.
आज अपने ही हाथों अपनी हस्ती लूटा रहे हम.
आन इस धरा की कहीं खाक हो ना जाए,
शोलो से रहगुजर है कहीं राख हो ना जाए,
आँख मूंद कर दौलत अपनी लूटा रहे हम.
आज अपने ही हाथों अपनी हस्ती लूटा रहे हम.

शेविंग ब्लेड को कूड़े व कचरे में बिलकुल न डालें


जानकारी के अभाव में 90% घरो में ऐसा हो रहा है और अनजाने में हम पाप के भागीदार बन रहे हैं
प्रिय दोस्तों , एक ताजा जानकारी के अनुसार शेविंग करने के बाद कूड़ादान में ब्लेड के फेंकने के कारण हर साल हजारो पशुओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है
ध्यान दीजियेगा की कचरे में मुंह मारते हुए जब ब्लेड जानवर के गले में फंसता है तो उसकी पीड़ा का हम अंदाजा भी नही लगा सकते वो बहुत जोर से छटपटाता है और फिर प्राण त्याग देता है
मूक जानवर के पास ब्लेड को गले से निकालने का कोई जरिया नही है
मेरे घर के पास कुछ ही दिनों पहले एक गऊशाला में गाय ने प्राण त्याग दिए और बाद में पोस्टमार्टम में उसके पेट में ब्लेड चले जाने की पुष्टी हुई
दोस्तों, पुराने ब्लेड को कचरे में डालने को बजाए घर पर कोई डिब्बे में डालना शुरु कर देवें
अगर आप हर रोज भी शेविंग करते हैं तो भी आप पांच साल में एक किलो के डिब्बे को पुराने ब्लेड से नही भर पायेगें
और जब आपको लगे की ज्यादा ब्लेड इकट्ठे हो गए है तो उन्हें जमीन में 2-3 फीट नीचे दबा देवे
2-3 महीने में ही उनमे जंग आ जाता है फिर वो किसी को हानि नही पहुचा सकते
नोट कीजिये ब्लेड से ज्यादा पैनी इस दुनिया में कोई चीज नही है...तलवार भी नही
कृपा इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें

शेविंग ब्लेड को कूड़े व कचरे में बिलकुल न डालें

भाई राम राम - सलाम भाईजान

एक सवाल हर उस हिंदू से जो नफ़रत करता है मुसलमान से...
और जो करता है नफ़रत हिंदू से, वही सवाल है उस मुसलमान सेI 

Main Hindu Tu Musalman
एक पल को मान लिया जाए कि जो तुम कर रहे हो अपने धर्म के लिए या मज़हब के लिए...
हिंदुओं को काटने की बात या मुस्लिम को मिटाने की बात... सच्चाई के धरातल पर यह कितना संभव है?

क्या इस देश से 15 या 20 या 25 करोड़ जीतने भी मुसलमान बसते हैं, उन्हे हटाया या मिटाया जा सकता है... किसी भी तरीके से? या किसी भी तरीके से इस देश के सभी हिंदुओं को ख़त्म किया जा सकता है?
जो एक हिंसक कट्टरता इन दीनो हावी है कुछ हिंदुओं पर और मुसलमानो पर, उस कट्टरपंथ की माँग यही हैI

कोई चाहे इसे माने या नहीं लेकिन हक़ीकत एक ही हैI हिंदू भी यहीं रहेगा और मुसलमान भी...
अब रहना कैसे है यह हमें ही तय करना हैI
डर के साए में रहना है या सामने वाले को डरा के रखना हैI
अपने सम्मान और अपनी अस्मिता के लिए खड़े होना ग़लत नहीं लेकिन उसी के नाम पर किसी निर्दोष हिंदू या निर्दोष मुसलमान को सज़ा देना ना तेरा अल्लाह माफ़ करेगा ना तेरा भगवानI

और इतिहास इस बात की गवाही चीख चीख कर देता है कि जब जब हिंदू मुसलमान आमने सामने हुए तब तब भुगता केवल मासूमों ने ही हैI चिंगारी दिखाने वाले दूर से बर्बादी का तमाशा देखकर खुश हो रहे होते हैंI

क्रोध और नफ़रत के आवेग में हथियार जब चलते हैं तो मानवता के मूल्य बिखर जाते हैंI
तब यह होश नहीं रहता कि एक मौत कई सारी ज़िंदगियाँ तबाह कर देती हैI

अपने ठेकेदारों के हाथों की कठपुतलियाँ बनकर भीड़ जब ज़ुल्म करने लगती है तो इसकी चपेट से कोई नहीं बच पाता हैI तब बलात्कार की शिकार एक हिंदू की बहन भी होती है और मुसलमान की बहन भीI और हर ज़ुल्म की दास्तान के अंत में केवल पछतावा शेष रह जाता हैI

अगर इस देश की एकता और अखंडता की थोड़ी भी चिंता है किसी हिंदू या मुसलमान को तो सबसे पहले एक दूसरे की धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करना तुम्हे सीखना होगाI बहुत हैं मुल्ले और पंडित यहाँ जो तुम्हारे इस कदम को धर्म के विरुद्ध और मज़हब की तौहीन साबित करने की कोशिश करेंगेI
बस अपने दिल से पूछो,
क्या तेरा खुदा इतना बेरहम है...
या तेरे भगवान में दया नहीं...

क्या केवल हिंदू को बस अधिकार है जीने काI
या केवल मुसलमान ही बस रह सकता है इस धरती परI

अबे तुम होते कौन हो जो इस दुनिया को रचनेवाले की रचना पर सवाल उठाते होI
अगर उसे बनाने होते सब हिंदू ही तो वह इतना काबिल खुद हैI
या उसे है प्यार खाली मुस्लिम से तो काफ़िर पैदा ही क्यों होते हैं?

अगर उस खुदा से तुमको मोहब्बत है, तो उस से भी मोहब्बत कर जिसे उसने ही बनाया हैI
तू बात करता है भगवान की तो जानले, उसने तो इस धरती पर हर प्राणी को बसाया हैI

हमारा आह्वान है हर एक सच्चे हिंदू से और पुकार है हर एक नेक मुसलमान को...

क्यों नहीं उन नियमों को और पाबंदियों को ख़त्म करते जो रुकावट हैं दिलों के मिलन मेंI
मेरा धर्म ये कहता है या मेरा मजहब ये सिखाता इन से आगे निकल और ये बता कि तेरा धर्म या मज़हब, मैं जैसा हूँ, जो भी हूँ, उसी रूप मे क्या मुझे स्वीकारने को तैयार हैI अगर नहीं तो तू मुझे कैसे स्वीकार सकता है???
ये मत कह कि मुझे तेरे जैसा होना होगाI
मैं जैसा हूँ तुझे वैसे ही मुझे अपनाना होगाI

एक दूसरे के भ्रम दूर करो और विश्वास पैदा करो कि सबसे पहले हम हिन्दुस्तानी हैं, किसी के बहकावे में आने वाले मूर्ख और अंधी भीड़ का हिस्सा नहीं हम...I जब अत्याचारी सामने आए तो हिंदू को भी उठ ख़ड़ा होना होगा और मुसलमान को भीI ज़रूरत होने पर हथियार भी उठाना होगा, लेकिन उसका निशाना जुल्मी होगा ना कि वो लोग जो हमारे अपने हैंI

भरोशा रखिए...  फ़िज़ा का रंग बदलेगा... रास्ता यही है प्रेम और मोहब्बत काI

पुनर्जन्म: मौत के बाद जिंदगी..

भारत ही नहीं दुनिया के कई हिस्सो से समय समय पर इस प्रकार की खबर अक्सर सुनने को मिलती हैI ज़्यादातर मामलों में छोटे बच्चे अपनी किसी अलग पहचान का दावा करते नज़र आते हैंI मीडीया चॅनेल्स पर वैज्ञानिक, ज्योतिष् के विशेषज्ञ और धर्म विशेष के जानकार इस प्रकार की बहस करते नज़र आते हैंI अलग लोगों के इस पर अलग मत हैं, कई मनोरॉगी इसे केवल एक मनोरोग बताते हैं और कई ऐसे भी हैं जो उनसे सहमत नहीं हैI जो लोग पुनर्जन्म के पक्ष में हैं उनकी पहली दलील यह होती है कि क्यों एक ही समय पैदा हुए दो अलग बच्चे, अलग अलग भाग्य पाते हैं? एक का जन्म सभी सुख सुविधाओं से संपन्न परिवार में हो जाता है और दूसरे का जन्म अभावों से पीड़ित किसी परिवार मेंI क्यों कोई राजा बन जाता है और दूसरा रंक? वो मानते हैं कि जीवन में मिलने वाले कष्ट और आनंद पिछले जन्म में हमारे द्वारा किए गये अच्छे अथवा बुरे कर्मों के ही परिणाम होते हैंI
the-strange-life-death-and-rebirth-of-the-cio-and-what-it-means-for-the-future-of-it-v1

विज्ञान से उत्तर माँगा जाता है तो वह दुविधा में नज़र आता हैI वह इसे स्वीकारता नहीं लेकिन इसी नकार भी नहीं पाता हैI उनके तर्क तब ख़त्म हो जाते हैं जब सवाल यह उठता है कि कोई निर्बोध बच्चा कैसे किसी मृत आदमी या औरत के जीवन के बारे में इतना कुछ जनता हैI ऐसी बातें जो केवल वही व्यक्ति जनता था जिसकी मौत हो चुकी है, उसके अलावा उसके अपने बस वो बात जानते थेI कई बार तो मौत की वजह भी पुनर्जन्म होने के बाद ही पता चल सकी हैI ऐसे लोग जिन्होने पहले इस बात पर संदेह किया यह तर्क देते हुए कि कोई किसी मरे हुए व्यक्ति की जानकारियों को चुराकर लोगों को बेवकूफ़ बना रहा है, जिसमे किसी बच्चे का सहारा लिया जाता हैI वो लोग तब निरुत्तर हो जाते हैं जब उस बच्चे को पहली बार उस स्थान पर ले जया जाता है जहाँ उसने अपने पिछले जन्म का दावा किया होता हैI अचम्भा होता है यह देखकर जब वह बच्चा खुद अपने घर का रास्ता तय करता है, उस बच्चे में आत्मविश्वास भरा होता है जो बनावटी तो कतई नहीं हो सकताI आलोचको के मुँह तब बिल्कुल बंद हो जाते हैं जब मरे हुए व्यक्ति के मा बाप इस बात की पुष्टि कर देते हैंI

धार्मिक दृष्टि से अगर इसे देखा जाए तो दुनिया के प्रमुख धर्मों में से केवल हिंदू धर्म की मान्यता और इस से जुड़ी शाखाएँ ही पुनर्जन्म में पूर्ण विश्वास रखती हैंI इस्लाम तथा ईसाइयत इसे सिरे से नकार देती हैI


हिंदू मान्यता इस से आगे भी कुछ कहती है, उसके अनुसार आत्मा अजर अमर है और जो जन्म जन्मान्तर के इस चक्र में हर बार एक नया शरीर धारण कर जन्म लेती रहती हैI साथ ही जन्म जन्मान्तर के चक्र से मुक्त होने का मार्ग भी बताया है, जिसे कहते हैं मोक्षI मोक्ष तो ना जाने कब मिलेगा, कैसे मिलेगा लेकिन जब तक जन्मों के फेरे में हैं और फिर से जन्म इसी धरती पर लेना है तो करमो पर ध्यान अभी से देने लग जाओI और यह भी हिसाब लगाने लग जाओ की,

कितने अच्छे या बुरे हैं आपके इस जन्म के कर्म?
पुण्य और पापों में से क्या ज़्यादा है और क्या है कम?

 

क्योंकि भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि जब कोई मरता है तो आत्मा अपने नए सफर पर निकल जाती है और किसी नए शरीर को प्राप्त करके पुर्वजन्म के कर्मों का फल भोगती है।अगर आप भी पुनर्जन्म में भरोशा रखते हैं तो अगले जन्म में दाखिला आपके कर्मों के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही मिलेगा, यह तो पक्का हैI वैसे इस लेख को अपने दोस्तों से साझा करने पर एक पुण्य तो आप यहीं कमा सकते हैंI
इस लेख के साथ कुछ ऐसी ही कहानियाँ की रिपोर्टिंग दिखाई गई है, देखिए और खुद तय कीजिए..
पुनर्जन्म सच है या महज भ्रम?