Tuesday, 26 July 2016

अजब सा खंडह

अजब सा खंडहर बन के रह गया ये देश, कि हर साल कुछ डह जाता है।
जो बरसे ना तो सुखा, जो थोडा बरस जाये तो सब कुछ बह जाता है।।
अब क्या मैं दुआ करूँ कि बरसे, 
या फिर ना बरसे?
क्योंकि confuse तो बादल भी है,
जब जब वो बरसे कोई थमने को कह जाता है।। ‪#‎continue_reading_anant‬
@n@nt

No comments:

Post a Comment